आज मनाया जाएगा भगवान श्री कृष्ण और माता रुकमणी का विवाह

सीहोर। हमारे जीवन में भगवान की प्रति आस्था और विश्वास होना जरूरी है। प्रभु और भागवत के सुमिरन के लिए किसी विशेष महीने या किसी समय विशेष की जरूरत नहीं होती है। श्रद्धा व विश्वास मन में हो तो आप कभी भी इस भक्ति महापर्व का लाभ ले सकते हैं। तप में ही श्रद्धा और विश्वास की परीक्षा होती है। अगर मौसमजनित भीषण गर्मी या किसी अन्य कारण की वजह से हम सत्संग से दूर हो रहे हैं तो प्रभु के प्रति आपकी सच्ची आस्था नहीं हैं। मौसम कैसा भी हो इसमें भक्ति पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। सर्दी, गर्मी और बारिश में हर समय ईश्वर का नाम लेना चाहिए। शहर के गंगा आश्रम गोपाल धाम में सीवन मां दुर्गा उत्सव समिति के तत्वाधान में जारी सात दिवसीय भागवत कथा में मंगलवार को कथा वाचक पंडित राजेश शर्मा गुरु ने कहे। इस मौके पर कथा के पांचवें दिवस पंडित श्री शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की लीला, गोवर्धन पूजन और छप्पन भोग आदि प्रसंग का विस्तार से पूजन किया और यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं को गोवर्धन पूजन का महत्व बताया। 
उन्होंने कहा कि भागवत कथा सच्चाई की राह बताती है। वेद, वेदांत पढ़ लेने से ही भागवत कथा की वास्तविक अनुभूति नहीं पा सकते। भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का प्रतिपादक विषयक ग्रंथ है भागवत। दौरान उन्होंने कहा कि भागवत समर्पण की कथा है। इसे सुनने से जीवन में सच्चा सुख और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। भागवत सत्य पर चलने का मार्ग दिखाती है और चित्त को आनंद देती है। हमेशा प्रभु के चरणों में ध्यान लगाने वाले की पुकार ही भगवान सुनते हैं।


 


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