आयुक्त महिला बाल-विकास द्वारा प्रत्येक कार्यालय में हो आन्तरिक परिवाद समिति का गठन करने के निर्देश जारी किए

सीहोर 11 दिसंबर,2019


     आयुक्त महिला-बाल विकास द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि सभी कार्यालयों में आन्तरिक परिवाद समिति आवश्यक रूप से गठित की जाये। ऐसी प्रत्येक घटना, जिसमें महिलाओं का जेन्डर समानता, जीवन जीने और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन होता है, को सुप्रीम कोर्ट ने उत्पीड़न माना है। उन्होंने कहा कि सरकारी, निगम या सोसायटी द्वारा स्थापित विभाग, संगठन, उपक्रम, संस्था, शासकीय यूनिट, प्राइवेट कंपनी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बैंक, उद्योग, शॉपिंग मॉल, दुकान, घर, जहां किसी भी आयु की महिला पारिश्रमिक पर नियुक्त की गई हो, वो महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोषण) अधिनियम-2013 के दायरे में आते हैं। इस कानून में नियोक्ता को अपने कार्यालय या कार्य-स्थल को महिलाओं के लिए लैंगिक उत्पीड़न से मुक्त माहौल बनाने के लिए जिम्मेदार बनाया गया है।


Popular posts
उपभोक्ता फोरम का फैसला / रिलायंस फ्रेश पर 2.27 लाख का जुर्माना, हेयर ऑइल का प्रिंट से ज्यादा रुपए लेना और कैरीबैग का चार्ज वसूलना पड़ा भारी
गेहूं उपार्जन के कार्य को देखते हुए सहकारी बैंकों में कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की संविदा अवधि को छह महीने बढ़ाया गया
विशेष अदालत का फैसला- एमपी नगर में 200 करोड़ की जमीन के फर्जी पट्टे बनाने वाले को उम्रकैद
आयुक्त लोक शिक्षण का आदेश; 30% से कम रिजल्ट वाले प्राचार्यों की वेतनवृद्धि रोकी, 40% से कम नतीजे वाले प्राचार्यों पर भी कार्रवाई
भोपाल: लाे फ्लाेर बसों में जेबकटी की रोज 10-12 वारदात; कैमरों से सिर्फ रिकाॅर्डिंग, मॉनीटरिंग नहीं