जम्मू-कश्मीर की जेलों में कोई नाबालिग हिरासत में नहीं, यह बात हाईकोर्ट की रिपोर्ट में सामने आई: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली  शुक्रवार 13 दिसम्बर, 2019.  जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के दौरान नाबालिगों की हिरासत लेने का दावा सही नहीं है। शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी की रिपोर्ट पर संतुष्ट नजर आया। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट के 4 जजों ने सभी जेलों में दौरा करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें नाबालिगों को हिरासत में रखने का कोई मामला सामने नहीं आया।


कोर्ट ने याचिकाकर्ता को उचित संस्था में अपील की छूट दी
बेंच ने कहा कि अगर कोर्ट अपने ही जजों पर भरोसा न करेगा तो यह सहीं नहीं होगा। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि अगर अब भी उन्हें इस मामले में कोई शिकायत है तो उचित संस्था में अपील की जा सकती है।


कोर्ट ने रिपोर्ट आने तक इंतजार करने के लिए कहा था
याचिकाकर्ता एनाक्षी गांगुली की ओर से वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी कोर्ट में पेश हुए। याचिका में दावा किया गया है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले कश्मीर के नाबालिगों को हिरासत में लेकर जेलों में डाल दिया गया। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट की कमेटी की रिपोर्ट आने तक इंतजार करने को कहा था।


5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाया गया था
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान कई तरह के प्रतिबंध लागू किए थे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूक और उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। राज्य में इंटरनेट, मोबाइल, फोन सेवाओं पर रोक लगाई गई थी। साथ ही बाहर से किसी नेता के जाने पर भी रोक थी।


 


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