मुख्यमंत्री कमलनाथ की बेरोजगारों को लेकर चिंता, की भोज (मुक्त) विश्व विद्यालय के कुलपति द्वारा अवहेलना, की निंदा

भोपाल, दिनांक 13 दिसम्बर, 2019


भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने आरएसएस समर्थित मप्र भोज (मुक्त) विश्व विद्यालय के विवादास्पद कुलपति जयंत सोनवलकर द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के बेरोजगार युवाओं को लेकर उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति को चुनौती देने के प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा की है।
आज जारी अपने बयान में श्री त्रिपाठी ने कहा कि आज शुक्रवार 13 दिसम्बर को एक प्रमुख दैनिक समाचार पत्र में कुल सचिव के हवाले से प्रकाशित विज्ञापन में विश्व विद्यालय में सत्र 2019-20 हेतु अध्यापन कार्य हेतु सेवानिवृत्त शिक्षकों से आमंत्रण बुलाये गये हैं, जिन्हें मानदेय के रूप में प्राध्यापक पद पर 60 हजार रूपये एवं सहप्राध्यापक के पद हेतु 50 हजार रूपये प्रतिमाह निर्धारित किया गया है। जबकि प्रदेश में लाखों पात्र बेरोजगार नौकरी की प्रत्याशा में हैं, वहीं मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ इन्वेस्टर्स मीट और विभिन्न औद्योगीकरण की नीतियों में लगातार बेरोजगार युवाओं की चिंता का इजहार कर रहे हैं।
इन स्थितियों में आरएसएस समर्थित और विभिन्न प्रमाणित आरोपों में संलिप्त कुलपति ने मुख्यमंत्री मंत्री जी की चिंताओं की अवहेलना और उन्हें चुनौती देते हुए अपने अधीनस्थ विश्व विद्यालय में अध्यापन कार्य हेतु विशेष रूप से सिर्फ सेवानिवृत्त शिक्षकों के ही आवेदन आमंत्रित किये हैं। जिसमें दुर्भावनाओं की बू स्पष्ट आ रही है?
त्रिपाठी ने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षकों को एक ओर जहां पेंशन प्राप्त हो रही है, वहीं उन्हें सेवानिवृत्ति के साथ 60 एवं 50 हजार रूपये प्रतिमाह निर्धारित मानदेय देने का क्या औचित्य है?
श्री त्रिपाठी ने विवादास्पद कुलपति को पद से हटाये जाने की भी मांग की है।


 


 


Popular posts
उपभोक्ता फोरम का फैसला / रिलायंस फ्रेश पर 2.27 लाख का जुर्माना, हेयर ऑइल का प्रिंट से ज्यादा रुपए लेना और कैरीबैग का चार्ज वसूलना पड़ा भारी
गेहूं उपार्जन के कार्य को देखते हुए सहकारी बैंकों में कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की संविदा अवधि को छह महीने बढ़ाया गया
विशेष अदालत का फैसला- एमपी नगर में 200 करोड़ की जमीन के फर्जी पट्टे बनाने वाले को उम्रकैद
आयुक्त लोक शिक्षण का आदेश; 30% से कम रिजल्ट वाले प्राचार्यों की वेतनवृद्धि रोकी, 40% से कम नतीजे वाले प्राचार्यों पर भी कार्रवाई
भोपाल: लाे फ्लाेर बसों में जेबकटी की रोज 10-12 वारदात; कैमरों से सिर्फ रिकाॅर्डिंग, मॉनीटरिंग नहीं