पूर्वोत्तर में विरोध / असम में कर्फ्यू में 9 घंटे की ढील; ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, कहा- नागरिकता कानून संविधान का उल्लंघन

गुवाहाटी  रविवार 15 दिसम्बर 2019  . नागरिकता संशोधन कानून 2019 का पूर्वोत्तर क्षेत्र में विरोध का आज 9वां दिन है। असम में कर्फ्यू में रविवार को 9 घंटे की ढील दी गई। इस दौरान घर का सामान लेने के लिए बाजार निकल पड़े। शनिवार को कर्फ्यू में 6 घंटे की ढील दी गई थी। इस बीच शनिवार को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ओवैसी ने नागरिकता कानून को संविधान का उल्लंघन करार दिया है।


नागरिकता संशोधन बिल 9 दिसंबर को लोकसभा और 11 दिसंबर को राज्यसभा से पास हो गया था। 12 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तखत के बाद यह कानून बन गया। कानून को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार प्रदर्शन-हिंसा हो रहा है।


'कानून पर सुप्रीम कोर्ट ऑर्डर पास करे'
ओवैसी ने याचिका में कहा, ''सुप्रीम कोर्ट को एक आदेश पारित कर नागरिकता बिल के सेक्शन 2, 3, 5 और 6 को असंवैधानिक घोषित करना चाहिए। ये सेक्शंस अनुच्छेद 14, 21 और 25 का उल्लंघन करते हैं।'' ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी मांग की कि गृह मंत्रालय के 7 सितंबर 2015 के नोटिफिकेशन जीएसआर 685 (ई) और 18 जुलाई 2016 के नोटिफिकेशन जीएसआर 702 (ई) को असंवैधानिक घोषित किया जाए। 


वहीं, असम में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया, सांसद अब्दुल खालिक और रूपज्योति कुर्मी ने कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की तरफ से याचिका दायर करेंगे।


असम का प्रतिनिधिमंडल मोदी-शाह से मिलेगा
असम के मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा। इसमें नागरिकता कानून को लेकर राज्य में पैदा हुए हालात पर चर्चा होगी।


इस बीच असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने शनिवार को कहा कि हिंसा भड़काने के लिए 85 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। महंत ने यह भी कहा कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है। हिंसा भड़काने वाले लोगों पर सख्ती बरती जाएगी। लोग अफवाह फैलाने वालों सूचना अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें।


पश्चिम बंगाल में भी प्रदर्शन
नागरिकता कानून के विरोध में शनिवार को बंगाल में कई शहरों में हिंसा और आगजनी हुई। कोलकाता के पास हावड़ा में प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम कर 10 बसों में आग लगा दी। कई अन्य वाहनों और दफ्तरों में तोड़फोड़ की। भीड़ ने संकराइल स्टेशन कॉम्पलेक्स पर धावा बोला, यहां आगजनी और तोड़फोड़ की। इस दौरान आरपीएफ के जवानों से मारपीट भी की गई। पूर्वी रेलवे ने सियालदह-हसनाबाद के बीच ट्रेन सेवा रद्द कर दी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करें और कानून हाथ में न लें।


उधर, भाजपा ने इस स्थिति के लिए तृणमूल सरकार को जिम्मेदार ठहराया और राष्ट्रपति शासन की मांग की। पार्टी का कहना है कि बंगाल में हिंसक प्रदर्शन के पीछे बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं और ममता सरकार का उन्हें पूरा समर्थन है।


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