राजस्व,पुलिस व माइनिंग विभाग की दिनों-दिन बढ़ रही लापरवाही

आष्टा/सिहोर


 जी हां आष्टा खाचरोद सिद्धिगंज क्षेत्र में दिनों-दिन रेत माफियाओं का कारोबार बढ़ता ही जा रहा है। आष्टा तहसील में स्थित खाचरोद चौकी के सामने से अवैध रेत के वाहन बिना चेकिंग के निकलते हैं। पुलिस प्रशासन व माइनिंग विभाग व राजस्व विभाग को सूचित करने के बाद भी नहीं हो रही कार्यवाही।
अब ऐसी स्थिति इन लोगों पर लगाम लगाएं तो कौन लगाएं।


 पुलिसकर्मी बैठे रहते अपनी आंखें मूंदे
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 जब इन अवैध रेत के भारी-भडकम डंपर व ट्रक इन चौकी के सामने से निकलते हैं तो यहां के पुलिसकर्मी अपनी बातों में ही मस्त रहते हैं और ओवरलोडिंग के डंपर की तरफ देखते भी नहीं है औवर लोडिंग के डंपर वहां आराम से प्रशासन की आंखों में धूल झोंक ते हुए निकल जाते


दर्जनों से निकलते अवैध रेती के वाहन
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 जी हां आष्टा से कन्नौद मार्ग पर खाचरोद चौकी व सिद्धि गंज थाना की और ओवरलोडिंग रेती के वाहन दर्जनों से प्रतिदिन निकलते हैं फिर भी शासन-प्रशासन अपनी गहरी निंद्रा में डूबा है। लेकिन जब जगाने की कोशिश कोई करता है तो इनके कानों में जूं तक नहीं रेंगती है।


पत्रकारों से दूरी बनाते विभाग के कर्मी व अधिकारी
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पत्रकार द्वारा जब इन्हें सूचित किया जाता है तो अपने फोन उठाने से भी कतराते हैं वह जब वरिष्ठ अधिकारी या माइनिंग विभाग अधिकारी को इन बातों से अवगत कराते हैं तो वह कहते हैं कि मैं अभी ऑफिस में नहीं हूं, गाड़ी में बैठा हूं,बाद में बात करेंगे और दूसरी बार बात तक नहीं करते हैं जैसी बातों से पत्रकारों से किनारा करते हुए नजर आते हैं। पर उस बात की पुष्टि नहीं की जाती है कि जो उन्हें सूचना दी गई है वह सत्य है या असत्य वास्तव में ऐसी कोई घटना है या नहीं।
अगर तहसील व जिला स्तर के अधिकारी ऐसा काम करेंगे तो पूरे मध्यप्रदेश के आला अफसरों का क्या आलम होगा।


चौकी प्रभारी व थाना प्रभारी नहीं उठाते फोन
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 जी हां जब मुखबिर की सूचना पर प्रदेश सत्ता के प्रतिनिधि के द्वारा खाचरोद चौकी प्रभारी व सिद्धि गंज थाना प्रभारी को सूचित किया जाता है तो वहां के प्रभारी या पुलिसकर्मी अपना फोन ही नहीं उठाते हैं और एक बार उठाकर काट देते हैं ताकि जब तक आराम से ओवरलोडिंग डंपर निकल जाए और कार्रवाई ना करना पड़े


आष्टा थाना का भी यही है आलम


 जी हां जब खाचरोद चौकी और सिद्धि गंज थाना के अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं तो प्रदेश सत्ता के प्रतिनिधि द्वारा उन्हें फोन पर सूचित करते हैं तो आष्टा थाना में उपस्थित पुलिसकर्मी व अधिकारी कहते हैं कि हां हमने खबर कर दी है उसका ट्रक नंबर आपको पता है क्या,कोई निशानी है,जैसे सवाल कर बातों का पतन गढ़ बना देते हैं लेकिन कोई कदम नहीं उठाया जाता है।


माइनिंग विभाग अधिकारी भी करते हैं लापरवाही


 पिछले दिनों जब सिंगार चोरी व खाचरोद चौकी के बीच स्थित ढाबा डूडी पर पांच ओवरलोडिंग डम्फर पर सुबह तकरीबन 10:00 बजे के आसपास खड़े थे। जिसकी सूचना माइनिंग विभाग अधिकारी आरिफ खान जी को दी गई तो वे कहते हैं कि मैं अभी ऑफिस में नहीं हूं,गाड़ी में हूं,फिर उसके बाद ऑफिस जाकर बात करेंगे जैसे सवाल कर फोन काट देते हैं। लेकिन उसी समय तुरंत कोई कार्यवाही नहीं करते


राजस्व विभाग भी दे रहा योगदान
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 जी हां जब दैनिक प्रदेश सत्ता प्रतिनिधि द्वारा इन्हें खबर दी जाती है तो यहां उपस्थित अधिकारी भी अपना फोन उठाने से कतराते हैं ऐसा लगता है मानो जैसे इन सब की मिलीभगत से रेत माफियाओं का कारोबार चल रहा हो


संबंधित विभाग व पुलिस मोड रही जिम्मेदारी से अपना मुंह


आखिर किसकी शय रेत माफियाओं को मिल रही है रेत माफियाओं को ना पुलिस चौकी ना पुलिस थाना प्रभारी और ना ही राजस्व माइनिंग विभाग भी इन रेत माफियाओं के सामने ऐसा लगता है जैसे कि नत मस्तक सा हो गया हो। आखिर कब बंद होगा यह कालाबाजारी का धंधा और क्यों नहीं कर पा रहा विभाग व पुलिस इन रेत माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही।


लापरवाही कर रहे अधिकारियों पर हो सख्त से सख्त कार्यवाही


 जी हां जब एक नागरिक और क्षेत्र में हो रही घटनाओं से बचाने के लिए शासन पुलिस विभाग को नियुक्त करती है ताकि एक आम नागरिक व जुर्म को रोका जा सके लेकिन विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मी इन रेत माफियाओं को शय देंगे तो देश की व्यवस्थाओं का क्या आलम होगा और इससे कालाबाजारी कर रहे लोगों के हौसले बुलंद होंगे। इसलिए लापरवाही बरत रहे कर्मी हुआ अधिकारियों पर जिला कलेक्टर महोदय व  विभाग के उच्च अधिकारी द्वारा सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए ताकि इन रेत माफियाओं के कारोबार पर रोक लग सके। अब देखना यह है कि जिला कलेक्टर व ऊपर बैठे आला अफसर इस विषय में क्या कार्रवाई करते हैं।


 


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