राज्यसभा में नागरिकता बिल / दुनियाभर से आए मुस्लिमों को नागरिकता कैसे दें: शाह; आनंद शर्मा बोले- गांधीजी के चश्मे से देखें

नई दिल्ली बुधवार 11 दिसम्बर, 2019। . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार दोपहर 12 बजे नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 राज्यसभा में पेश किया। शाह ने कहा कि देश की जनता इस सदन की बहस को देख रही है। बिल से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता मिलेगी। यह झूठ फैलाया जा रहा है कि बिल मुस्लिमों के खिलाफ है। मैं पूछना चाहता हूं कि जो देश के नागरिक हैं, उन्हें किस बात की चिंता है। आप क्या चाहते हैं कि पूरी दुनिया से जो मुस्लिम आएं उन्हें नागरिकता दे दें। बिल में साफ है कि हम तीन देशों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को ही नागरिकता देने जा रहे हैं। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जवाब में कहा कि बिल को लेकर सरकार राज हठ छोड़कर गांधीजी के चश्मे से देखे।


'असम के नागरिकों के हितों की रक्षा करेंगे'


शाह ने यह भी कहा, ''भारत के अल्पसंख्यकों और मुस्लिमों को किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। मेरी विपक्ष के सदस्यों को चुनौती है कि जो मुद्दे हैं, बहस में उठाएं। चले मत जाइएगा। मैं हर सवाल पर जवाब दूंगा। जिनका वीजा खत्म हो जाता है, उन्हें अवैध प्रवासी माना जाता है। हमने इस बात को बिल में शामिल किया है। धार्मिक आधार पर प्रताड़ितों को भी नागरिकता मिलेगी। 1955 के कानून की धारा 5 के तहत यह भी प्रावधान है कि लोगों को उसी तारीख से भारत का नागरिक माना जाएगा, जिस दिन से वे भारत आए थे। उन्हें कोई कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।''
''जनजातियों, मिजोरम समेत पूर्वोत्तरी राज्यों पर बिल लागू नहीं होगा। 35 साल तक किसी को किसी को असम के लोगों की भाषाई और सांस्कृतिक विरासत की चिंता ही नहीं हुई। असम की जनता को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम आपके सभी हितों की रक्षा करेंगे। असम की समस्या की सच्चा समाधान करने का वक्त आ गया है। इसलिए हमने क्लॉज 60 कमेटी बनाईं। जितनी जल्दी रिपोर्ट मिलेगी, सरकार निर्णय ले पाएगी। मेरी विपक्ष से अपील है कि बिल को लेकर जो शंकाएं हैं, उन्हें रखें, जो कुछ लोकसभा में छूट गया, उसे यहां स्पष्ट कर दूंगा।''
बिल को इतिहास इसे कैसे देखेगा: आनंद शर्मा (कांग्रेस)


कांग्रेस के आनंद शर्मा ने सभापति वेंकैया नायडू को गलती से उपसभापति कह दिया, इसके लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा, ''2016 में भी यह बिल लाया गया था। उस बिल में और इसमें अंतर है। इसकी जांच परख हो गई है। मैं इससे सहमत नहीं हूं। इसकी स्क्रूटनी जरूरी है। आपने (सरकार) कहा कि यह ऐतिहासिक होगा, लेकिन इतिहास इसे कैसे देखेगा? सरकार जल्दबाजी में है। हम इसका विरोध करते हैं। इसका कारण राजनीतिक नहीं, संवैधानिक और नैतिक है। बिल लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। लोगों को बांटने वाला है।''
''आजादी के बाद नागरिकता को लेकर संविधान सभा में चर्चा हुई थी। महात्मा गांधी के नेतृत्व में जिन्होंने आंदोलन में हिस्सा लिया था। उन्होंने नागरिकता के महत्व को समझा था। संविधान निर्माताओं ने इसे पिछले पीढ़ियों से तय किया था। अगर हम इस पर 70 साल बाद सवाल करें, क्या उन्हें कोई समझ नहीं थी। लाखों लोग बंटवारे के बाद आए थे। उनमें से दो प्रधानमंत्री बने मनमोहन सिंह और आईके गुजराल।''
''नागरिकता कानून 1955 में आया, इसमें 9 बार बदलाव भी हुए, लेकिन कोई टकराव नहीं हुआ। आपने दूसरे सदन (लोकसभा) में आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों को बंटवारे का जिम्मेदार बताया। उनके संघर्ष को विचारधारा के आधार पर नकारा नहीं जा सकता। इतिहास को बदला नहीं जा सकता। विनायक सावरकर हिंदू महासभा के नेता थे। दो देशों की थ्योरी भी हिंदू महासभा में रखी गई थी। आप अंग्रेजों की चर्चा क्यों नहीं करते, जिन्ना को उनका समर्थन था।''
''आपने किसी को नया इतिहास लिखने का कोई प्रोजेक्ट दिया है तो मेरी अपील है कि ऐसा मत करिए। नागरिकता को लेकर 9 संशोधन हुए। उनके जरिए गोवा, दमन-दीव के लोगों को नागरिकता दी गई। युगांडा के लोगों को भी नागरिकता दी गई। जब भी नागरिकता दी गई, भारत की सरकारों ने धर्म को आधार नहीं बनाया। इसलिए यह अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। भारत ने उत्पीड़न और हिंसा के शिकार लोगों को हमेशा से शरण दी है। चाहे वे यहूदी या ईसाई ही क्यों न रहे हों।''
''पूरे देश को स्वामी विवेकानंद पर गर्व है। शिकागो में धर्म संसद में दिए उनके भाषण की एक-एक पंक्ति सीढ़ियों पर लिखी है। उन्होंने भारत की एकता की बात कही थी, न कि धार्मिक आधार पर भेदभाव की। अगर बिल सही है तो असम में विरोध क्यों हो रहा है। असम जल रहा है। एनआरसी के डिटेंशन सेंटरों में परिवारों को दूर रखा गया है। आप डेलिगेशन लेकर आएं और देखें कैसे 500 लोगों को एक जगह रखा गया है।''
''मेरा आग्रह है कि प्रधानमंत्री जी अगर महात्मा गांधी आपसे मिल लें तो ये जरूर कहेंगे कि क्या कर रहे हो? आप गांधीजी के चश्मे से देखें। गृह मंत्री जी, राज हठ छोड़कर बिल को कमेटी के पास भेजें। कोई जल्दबाजी न करें।''
बिल जिन्ना की कब्र पर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा: डेरेक ओ'ब्रायन (तृणमूल कांग्रेस)


''आप देश के लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान नहीं दे पा रहे, और दूसरे पड़ोसी देशों के अधिकारों की बात करते हैं। नागरिकता बिल के विरोध में व्यापक आंदोलन खड़ा हो गया है। आपने घोषणा पत्र में यह भी कहा था कि किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। नोटबंदी, बेरोजगारी, गोरखा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के वादे खोखले साबित हुए। सरकार वादे करने में अच्छी है लेकिन उन्हें पूरा करने में उतनी ही खराब है।''
''एनआरसी में बंगाली हिंदुओं को नागरिकता देने का झूठा वादा किया गया है। आप कहते हैं कि नागरिकता बिल सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। यह हमारे राष्ट्रपिता नहीं, जिन्ना की कब्र पर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।''
राहुल ने ट्वीट में बिल पर विरोध जताया


राहुल गांधी ने लिखा, ''यह बिल सरकार का पूर्वोत्तर के लोगों, उनके जीने के तरीके और भारत के विचार पर आपराधिक हमला है।'' 


 


Popular posts
उपभोक्ता फोरम का फैसला / रिलायंस फ्रेश पर 2.27 लाख का जुर्माना, हेयर ऑइल का प्रिंट से ज्यादा रुपए लेना और कैरीबैग का चार्ज वसूलना पड़ा भारी
गेहूं उपार्जन के कार्य को देखते हुए सहकारी बैंकों में कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की संविदा अवधि को छह महीने बढ़ाया गया
विशेष अदालत का फैसला- एमपी नगर में 200 करोड़ की जमीन के फर्जी पट्टे बनाने वाले को उम्रकैद
आयुक्त लोक शिक्षण का आदेश; 30% से कम रिजल्ट वाले प्राचार्यों की वेतनवृद्धि रोकी, 40% से कम नतीजे वाले प्राचार्यों पर भी कार्रवाई
भोपाल: लाे फ्लाेर बसों में जेबकटी की रोज 10-12 वारदात; कैमरों से सिर्फ रिकाॅर्डिंग, मॉनीटरिंग नहीं