सारू -मारू में होता है दिसंबर के तीसरे रविवार हर वर्ष बुद्ध मेले का आयोजन

सीहोर। सीहोर जिले के बुधनी तहसील के नकली तलाई स्थान पर बुद्ध कालीन लगभग 25 स्तूप है यहां पर पिछले विगत 3 वर्षों से दिसंबर माह के तीसरे रविवार मेले का आयोजन किया जाता रहा है 3 वर्ष पूर्व शुरू हुए मेले में हजारों की संख्या में बुद्ध अनुयायियों ने भाग लिया मेले में भारत ही नहीं विदेशों से भी विदेशों से भी लोक शामिल हुए मेले का आयोजन सारू मारू मेला उत्सव समिति रहटी द्वारा किया गया मेले में आगरा से भंते करुणा से सांची से श्रीलंका बोधी सोसाइटी के मुख्य बनते एवं राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के संघप्रिय कमलेश बौद्ध एवं विक्रम विश्वविद्यालय के इतिहास के विभाग प्रमुख डॉक्टर रामकुमार अहिरवार जीबी मेले में उपस्थित हुए एवं उनके द्वारा लिखित सीहोर जिले में बुद्ध धर्म का इतिहास एवं सारू मारू पुस्तक का विमोचन किया गया मेले में युवा महिला बच्चे एवं सभी वर्ग के लोगों ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया एवं सारू मारू से लगे ग्रामो के लोग भी मेले के आयोजन से बेहद खुश थे और उनका मानना था कैसे उनकी ग्राम का विकास होगा तरह के आयोजन ना लगातार होते रहना चाहिए लोगों ने भी सारू मारू का इतिहास जानकारी आश्चर्यचकित रह गए और कहा हमने पहली बार सारु मारु इतिहास की जानकारी प्राप्त हुई हमें तो लगता था यह पत्थर के पीले लेकिन आज यह जानकरी है कि यह हमारे देश का गौरवशाली इतिहास है हमें बहुत गर्व हुआ कार्यक्रम आयोजन मैं मुख्य रूप से कमल सिंह वर्मा, अध्यक्ष रामानंद जाधव, महेश सूर्यवंशी, जेपी पठारी, केवलराम सोनिया, जगदीश वर्मा, रामपाल बाकरिया, भागीरथ, महेश सूर्यवंशी, कमल मालवीय आदि सम्मिलित हैं।


 


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