दमोह। संवाददाता संजय असाटी
क्रिसमस पर्व पर विभिन्न आयोजनों में सण्डे स्कूल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का विशेष आर्कषण मसीही समाज में रहता है। सण्डे स्कूल प्रभारी डॉ. श्रीमती इन्दु लाल के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम पूरी गरिमा, उत्साह, उमंग के साथ 15 दिसम्बर को प्रात: 10 बजे से शाम 7 बजे तक बाल उत्सव मेला आयोजित किया गया। इस तरह दिन भर क्रिसमस के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम मसीही समाज के युवाओं व छोटे बच्चों के साथ समाज के राजकमल डेविड लाल, डॉ. श्रीमति शीला लाल, एफ हेरीशन, मैक्सन मैसी, डेनीयल मनोरथ, संजीव मेम्बर्ड, जीवन मैसी सहित सभी प्रमुख सदस्यों की विशेष उपस्थिति में संपन्न हुआ। यीशु मसीह के जन्मोत्सव पर विचार व्यक्त करते हुए चर्च काउंसिल अध्यक्ष डॉ. अजय लाल ने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि प्रभु यीशु मसीह का जन्म संसार के सभी लोगों के लिए शांति, आनंद, प्रेम, क्षमा, करूणा, उद्धार और अनंत जीवन का मार्ग दिखाने के लिए हुआ। आराधना सभा का प्रारंभ कु. एनजिल्स की प्रार्थना के साथ प्रारंभ हुआ। चर्च काउंसिल अध्यक्ष डॉ. अजय लाल के द्वारा समाज से संबंधित सूचनाएं प्रदान की गईं। क्रिसमस पर्व पर विशेष संदेश मिस्टर दीप के द्वारा प्रदान किया गया। लिटिल एन्जिल्स बच्चों के द्वारा क्रिसमस पर्व पर विशेष गीत प्रस्तुत किया गया। मसीही की भेंड़े कक्षा द्वारा सामूहिक नृत्य किया गया। साथ ही जलते दीप कक्षा द्वारा यीशु मसीह जीवन पर नाटिका प्रस्तुत की गई। मसीही के राजदूत कक्षा के द्वारा ड्रामा प्रस्तुत किया गया। साथ ही पुनरूत्थान एवं जीवन कक्षा के द्वारा सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। पास्टर पीके पाल की अंतिम प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। सन्डे स्कूल के बच्चों व जवानों की अगुवाई में सन्डे स्कूल आराधना का सफलतापूर्वक आयोजन हुआ जिसमें 1500 से अधिक बच्चों युवाओं के साथ शिक्षक-शिक्षिकाओं लिये सन्डे स्कूल प्रभारी डॉ. श्रीमति इंदुलाल की अगुवाई में क्रिसमिस ट्री के तहित आकर्षक गिफ्ट प्रदान किये गए।
क्रिसमस कार्यक्रम में मसीही समाज को साल भर सण्डे स्कूल दिवस कार्यक्रम का इंतजार रहता है। बाल उत्सव मेले का प्रारंभ अपरान्ह 3 बजे से प्रारंभ हुआ जिसमें बाल उत्सव के विशेष आर्कषण खाने के इस्टाल्स रहे जिसमें पाव भाजी, नूडल्स, मोमो, भेलपूरी, भजिया एवं चाय, गुडिय़ा के बाल, दहीबड़ा, पेस्टीज के इंस्टाल पर भारी भीड़ दिखाई दी। साथ ही मनोरंजन के इंस्टाल पर रिंग फेंकना, बीन बैग टॉस बाल से निषाना साधना, रस्सा खींचना, हिंडोला झूला, जम्पिंग झूला, घुड़सवारी, पिंकपांग बॉल टॉस, सोडा रिंग टॉस, लकी ड्रा, तोल-मोल के बोल भी युवाओं बच्चों के साथ बुजुर्ग महिलाओं, पुरूषों के आकर्षण के केन्द्र रहे।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित बड़ी संख्या में मसीही समाज के लोगों के द्वारा केरल सिंगिंग में शाम 6 बजे हिस्सा लिया गया इस अवसर पर मसीही साहित्यकार डॉ. अजय लाल ने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि प्रभु यीशु मसीह का जन्म विपरीत परिस्थितियों में गौशाले में हुआ वहीं उनको कू्रस की मृत्यु का सामना करना पड़ा, हर समय प्रताडऩा और अपमानित जीवन जीना पड़ा। यीशु मसीह का आगमन संसार के पाप से ग्रसित सभी लोगों के उद्धार के लिए हुआ जिसमें सभी ने अपने हाथों में मोमबत्ती लेकर यीशु मसीह के जीवन के गीत गाए। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. श्रीमती इन्दु लाल द्वारा किया गया।
शांति, प्रेम, क्षमा का मार्ग दिखाता है यीशु मसीह का जन्म-लाल