शासकीय सेवा में खिलाड़ियों को 5 प्रतिशत आरक्षण

प्रस्तावित नई खेल नीति में यह व्यवस्था की जा रही है कि शासकीय नौकरी में खिलाड़ियों को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल सके।


अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता और सहभागिता के लिए प्रोत्साहन राशि


प्रदेश में पहली बार ओलंपिक, विश्व कप, एशियाई गेम्स, राष्ट्र-मंडल खेल और दक्षिण एशियाई खेलों में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों के लिये प्रोत्साहन राशि निश्चित की गयी है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक हासिल करने पर 2 करोड़, रजत पदक पर एक करोड़ तथा कांस्य पदक हासिल करने पर 50 लाख की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त कोई भी खिलाड़ी, जिसने अंतर्राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभागिता की है और पदक नहीं भी लिया है, तब भी उसे प्रोत्साहन के तौर पर 10 लाख की राशि दी जायेगी। राष्ट्रीय खेल एवं राष्ट्रीय चेंपियनशिप में पदक विजेता खिलाडियों को स्वर्ण पदक जीतने पर 5 लाख, रजत पर 3 लाख 20 हज़ार और कांस्य पदक जीतने पर 2 लाख 40 हज़ार रूपये की राशि दी जाएगी। इसी प्रकार, अधिकृत राष्ट्रीय चेंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले खिलाड़ी को एक लाख, रजत पदक पर 75 हजार और कांस्य पदक पर 50 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रतियोगिता के दौरान खिलाडियों को उपकरण क्रय करने एवं किराये पर लेने के लिए अधिकतम 5 लाख रूपये की राशि दी जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया है कि खिलाडि़यों को उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय तकनीकी प्रशिक्षण के लिए अधिकतम 5 लाख रूपये की राशि दी जाएगी। राज्य शासन ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रशिक्षक, जिनके देख-रेख में खिलाड़ी अपनी पहचान बनाने में सफल होता है, उन्हें भी प्रोत्साहित किया जायेगा। इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय चेंपियनशिप तथा राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने पर खिलाड़ियों को देय राशि का दस प्रतिशत हिस्सा प्रशिक्षकों को दिया जायेगा।


स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञों की नियुक्ति


अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्तरीय प्रदर्शन करने के लिए स्पोर्ट्स साइंस की भूमिका महत्वपूर्ण है। वर्त्तमान में जितने खिलाड़ी ओलंपिक, एशियाई गेम्स एवं कॉमन वेल्थ गेम्स जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन सभी को स्पोर्ट्स साइंस की सपोर्ट टीम मदद करती है। प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं परन्तु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्तरीय प्रदर्शन के लिए स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट, स्पोर्ट्स न्यूट्रीशियंस, स्पोर्ट्स फिजिओलॉजिस्ट, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट, बायो- मैकेनिकल एक्सपर्ट, वीडियो एनालिस्ट, एक्सरसाइज साइंस एक्सपर्ट, फिटनेस ट्रेनर की बहुत जरूरत होती है। इसलिये राज्य सरकार ने इन पदों पर भी भर्ती करने का निर्णय लिया है।


गुरुनानक देवजी प्रांतीय ओलम्पिक खेल


ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के लिये विकासखण्ड, जिला एवं संभागीय स्तर पर गुरूनानक देव प्रांतीय ओलम्पिक प्रारंभ किया गया है। इसके तहत हॉकी, बास्केटबॉल, फुटबॉल, वॉलीबॉल, कबड्डी ,खो-खो, एथेलेटिक्स, कुश्ती, बेडमिंटन और टेबल-टेनिस खेल को शामिल किया गया है। प्रांतीय ओलंपिक खेल में 16 वर्ष से अधिक आयु समूह के बालक/बालिका खिलाड़ी सम्मिलित होंगे। राज्य स्तरीय प्रांतीय ओलंपिक प्रतियोगिताओं के दलीय खेलों में प्रथम को एक लाख, द्वितीय को 75 हज़ार और तृतीय को 50 हजार रूपये दिये जाएंगे। व्यक्तिगत खेल में यह राशि क्रमशः 7 हजार, 5 हजार और 3 हजार रूपये होगी। अब स्कूली स्तर पर भी अण्डर-16 प्रांतीय ओलंम्पिक शुरू किया जाएगा। अगले वर्ष से प्रांतीय ओलम्पिक में ट्राफी के साथ प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान भी किया जाएगा।


प्रमुख उपलब्धियाँ


मध्यप्रदेश में विश्व स्तरीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। इस दिशा में कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है। इंदौर में स्वीमिंग पूल, छिन्दवाड़ा में फुटबाल और नरसिंहपुर में वॉलीबाल अकादमी की स्थापना की कार्यवाही भी पूरी की जा रही है। राज्य सरकार ने महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिये महिला खिलाड़ियों के साथ महिला क्रीड़ा अधिकारी का जाना अनिवार्य कर दिया है।


 


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